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七绝• 冬日登峰赞青松(卷帘体) |
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发表于 2014-12-5 08:52
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发表于 2014-12-5 09:42
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发表于 2014-12-5 10:06
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非非是是乱人魂,子夜流星茫路奔。若水思潮催梦远,云睁醉眼看乾坤。
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发表于 2014-12-5 11:22
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发表于 2014-12-5 11:40
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发表于 2014-12-5 12:42
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发表于 2014-12-5 13:13
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发表于 2014-12-5 16:23
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发表于 2014-12-5 19:51
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发表于 2014-12-5 20:05
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发表于 2014-12-5 20:09
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发表于 2014-12-5 20:42
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非非是是乱人魂,子夜流星茫路奔。若水思潮催梦远,云睁醉眼看乾坤。
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发表于 2014-12-5 22:04
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发表于 2014-12-5 23:02
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